-: स्वतंत्रता :-
" Real happiness:वास्तविक खुशी "
Real happiness # happiness is # piece
हर इन्सान हर जीव - जन्तु और प्राणियों की फितरत होती है परम आनन्द की....... कौन नही चाहता खुश रहना ? सब चाहते है हमेशा खुश रहना.... तो वास्तविक खुशी है क्या ? ठहरिये ! और थोडा अपने अन्दर विचार कीजिए़...कुछ समझ आया ! जी जरूर आया होगा..
" आजादी " हां ये बिल्कुल सही है आजादी ही वास्तविक खुशी है। हम कह सकते है आजादी मतलब- real happiness.....तो आजादी है क्या ? जिसे हम पाना चाहते है।
आजादी मतलब....
खुल के सपने देखना,
खुल के विचार रखना,
खुल के सोचना,
खुल के बोलना,
खुल के हँसना,
खुल के जीना,
खुल के बातें करना,
खुल के काम करना,
खुल के प्यार करना,
खुल के आनन्दित रहना इत्यादि,
यानि ' खुल के ' मतलब "openly"जहाँ कोई डर,लालच,ईर्ष्या,द्वेष ,अहंकार की भावना न हो ......जहां सारी बन्धनो की मुक्ति हो,सारी अंधविश्वासो से मुक्ति हो,जहां सिर्फ प्यार हो, जहां मानवता हो,जहां इन्सानियत हो, जहां कोई रुकावट न हो,जहाँ कोई रीत - रिवाज न हो,जहां कोई छोटा बड़ा न हो,जहाँ कल न हो, जहां समानता हो, समभाव हो,और जहाँ समदर्शी की भावना हो,जहां ईमानदारी,नेकदिली आभार,प्यार और अपने कर्तव्यों को पूरा करने का जुनून हो,जहाँ शान्ति हो,जहाँ सादगी हो,जहाँ अपनापन हो, जहां अच्छाई हो, जहां सत्यमेव जयते की भावना हो,जहाँ सर्वे भवन्तु सुखिनः की सोच हो,जहां प्रकृति से प्रेम हो,जीव जन्तुओ से प्रेम हो, सभी प्राणियों से प्रेम हो,जहाँ निःस्वार्थ की भावना हो, जहाँ मदत करने की भावना हो,जहाँ कुछ नया और अच्छा करने की भावना हो, जहाँ कर्म हो, जहाँ धर्म हो,जहाँ संस्कार हो,जहाँ विचार हो, जहां सदाचार हो, जहाँ आशीर्वाद हो,जहाँ पुण्य हो, जहां एकता हो,जहाँ बुराई न हो, जहाँ कमजोरी न हो,जहाँ मजबूरी न हो, जहाँ गरीबी न हो, जहां अमीरी न हो, जहाँ कोई राजा न हो,जहाँ कोई रंक न हो, जहाँ कोई छोटा बडा पद न हो,जहाँ समानता हो,सदभावना हो,सदमार्ग हो, सत्कार्य हो,सतसंग हो, जहाँ सही नजर और सही नजरिया हो, जहाँ बचपन हो,जहाँ लचीलापन हो, जहां ध्यान हो,जहाँ धैर्य हो,जहाँ सम्मान हो,जहाँ प्रकाश हो,जहाँ ज्ञान हो,जहाँ विज्ञान हो,जहां नवीनता हो, जहाँ रंगीनता हो, जहाँ जिम्मेदारिया हो, कर्तव्य हो,जहाँ कुछ अच्छा करने की ललक हो,जहाँ कुछ बदलाव करने की इच्छा हो, जहां खूबसूरती हो, सुगंध हो, जहाँ रंग हो,जहाँ रूप हो, जहाँ भेदभाव न हो, जहाँ आत्मा हो, जहाँ परमात्मा हो,जहाँ आप होते हुए भी न हो,जहाँ मीठी वाणी हो, जहाँ मीठे धुन हो, जहाँ गीत हो,जहाँ मीठे संगीत हो, जहाँ मीठे वाधयंत्र हो,जहाँ कोई बोझ न हो, जहाँ कोई अभिलाषा न हो, जहाँ संयम हो, जहां नियम हो,जहां कोई निराशा न हो,जहाँ कोई इच्छाएं न हो, जहाँ सिर्फ संतुष्टि हो,
खुल के हँसना,
खुल के जीना,
खुल के बातें करना,
खुल के काम करना,
खुल के प्यार करना,
खुल के आनन्दित रहना इत्यादि,
यानि ' खुल के ' मतलब "openly"जहाँ कोई डर,लालच,ईर्ष्या,द्वेष ,अहंकार की भावना न हो ......जहां सारी बन्धनो की मुक्ति हो,सारी अंधविश्वासो से मुक्ति हो,जहां सिर्फ प्यार हो, जहां मानवता हो,जहां इन्सानियत हो, जहां कोई रुकावट न हो,जहाँ कोई रीत - रिवाज न हो,जहां कोई छोटा बड़ा न हो,जहाँ कल न हो, जहां समानता हो, समभाव हो,और जहाँ समदर्शी की भावना हो,जहां ईमानदारी,नेकदिली आभार,प्यार और अपने कर्तव्यों को पूरा करने का जुनून हो,जहाँ शान्ति हो,जहाँ सादगी हो,जहाँ अपनापन हो, जहां अच्छाई हो, जहां सत्यमेव जयते की भावना हो,जहाँ सर्वे भवन्तु सुखिनः की सोच हो,जहां प्रकृति से प्रेम हो,जीव जन्तुओ से प्रेम हो, सभी प्राणियों से प्रेम हो,जहाँ निःस्वार्थ की भावना हो, जहाँ मदत करने की भावना हो,जहाँ कुछ नया और अच्छा करने की भावना हो, जहाँ कर्म हो, जहाँ धर्म हो,जहाँ संस्कार हो,जहाँ विचार हो, जहां सदाचार हो, जहाँ आशीर्वाद हो,जहाँ पुण्य हो, जहां एकता हो,जहाँ बुराई न हो, जहाँ कमजोरी न हो,जहाँ मजबूरी न हो, जहाँ गरीबी न हो, जहां अमीरी न हो, जहाँ कोई राजा न हो,जहाँ कोई रंक न हो, जहाँ कोई छोटा बडा पद न हो,जहाँ समानता हो,सदभावना हो,सदमार्ग हो, सत्कार्य हो,सतसंग हो, जहाँ सही नजर और सही नजरिया हो, जहाँ बचपन हो,जहाँ लचीलापन हो, जहां ध्यान हो,जहाँ धैर्य हो,जहाँ सम्मान हो,जहाँ प्रकाश हो,जहाँ ज्ञान हो,जहाँ विज्ञान हो,जहां नवीनता हो, जहाँ रंगीनता हो, जहाँ जिम्मेदारिया हो, कर्तव्य हो,जहाँ कुछ अच्छा करने की ललक हो,जहाँ कुछ बदलाव करने की इच्छा हो, जहां खूबसूरती हो, सुगंध हो, जहाँ रंग हो,जहाँ रूप हो, जहाँ भेदभाव न हो, जहाँ आत्मा हो, जहाँ परमात्मा हो,जहाँ आप होते हुए भी न हो,जहाँ मीठी वाणी हो, जहाँ मीठे धुन हो, जहाँ गीत हो,जहाँ मीठे संगीत हो, जहाँ मीठे वाधयंत्र हो,जहाँ कोई बोझ न हो, जहाँ कोई अभिलाषा न हो, जहाँ संयम हो, जहां नियम हो,जहां कोई निराशा न हो,जहाँ कोई इच्छाएं न हो, जहाँ सिर्फ संतुष्टि हो,
शायद हमारी यही आजादी है। यही वास्तविक खुशी है,वास्तविक शांति है।खुशी कहीं बाहर ढूढने से नही मिलती, खुशी आपके अन्दर है।आप ही खुशी है,अपने आप को जान लेना ही वास्तविक ज्ञान है।और वास्तविक ज्ञान ही वास्तविक खुशी प्रदान करती है।........
"खुशी मन की एक स्थिति होती है जिसे बनाये रखना पड़ता है"
धन्यवाद
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